Internet Protocol का अर्थ Internet के नियमो का समूह है जो Data को एक नियम के साथ सही ढंग से एक Sever से दूसरे Server तक अथवा एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुंचाने में मदत करता है और भेजे हुए डेटा को सही Address पतक पहुंचाता है. डेट को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुंचाने के लिए Internet Protocols “Data packet” का उपयोग करता है
Internet Protocol In Hindi
Internet Protocol को short में IP कहा जाता है इंटरनेट प्रोटोकॉल में प्रोटोकॉल का अर्थ Set Of Rule है यह Internet का एक ऐसा Set Of Rule (नियमो का समूह) है जो इंटरनेट में हो रहे सभी Data के आदान-प्रदान को व्यवस्थित करने में और उसे सही एड्रेस तक पहुंचाता है.
इंटरनेट प्रोटोकोल “डाटा” को एक सर्वर से दूसरे सर्वर या एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में भेजने के लिए उससे कई छोटे-छोटे भागों में बांट देता है जो Data packet कहलाते हैं
Types Of IP In Hindi / इंटरनेट प्रोटोकॉल कितने होते हैं:-
इंटरनेट में Data को Transfer कई कामों के लिए किया जाता है जैसे फाइल ट्रांसफर, वीडियो कॉल, वॉइस कॉल, लाइव स्ट्रीमिंग, इ-मेल सेंड/रिसीव आदि यह सब अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग इंटरनेट प्रोटोकोल का उपयोग होता हैं जिनमें से कुछ यह नीचे बताए गए हैं
- TCP/IP
- UDP
- SMTP
- POP3
- HTTP
- HTTPS
TCP/IP (Transmission Control Protocol/Internet Protocol)
TCP/IP प्रोटोकोल इंटरनेट का बैकबोन प्रोटोकोल माना जाता है. TCP प्रोटोकॉल फाइल/डेटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर या एक सरवर से दूसरे सरवर तक पहुंचाने के लिए दोनों के बीच एक कनेक्शन बनाता है और भेजे जाने वाले फाइल या डाटा को कई छोटे-छोटे भागों में बांट देता है जो Data packets कहलाते हैं फिर TCP डेटा पैकेट्स को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में Transfer करने लगता है इस बीच अगर कोई डेटा पैकेट currept हो जाए तो TCP Protocol उसे दोबारा भेज देता है जिससे डेटा सही तरीके से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुंच पाता है
और IP की मदद से जिस कंप्यूटर में Data Packets को भेजना है उसका IP Address पता लगाया जाता है तब ही TCP दोनों Device के बीच एक कनेक्शन बनाकर डेटा पैकेट को सही Address/Computer तह पहुंचा पाता है TCP और IP यह दोनों एक साथ ही काम करते हैं बिना किसी एक के यह प्रोटोकॉल किसी किसी भी डेटा को Transfer नहीं कर सकते
UDP (User Datagram Protocol)
UDP भी TCP/IP की तरह Data को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुँचता है पर यह Sender और Receiver Computer के बीच कोई कनेक्शन नहीं बनाता है जिस कारण डेटा बहुत तेजी से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुंच पाता है पर इसके कुछ दुष्परिणाम भी है जैसे अगर बीच में कोई डेटा करप्ट हो जाये तो Sender Computer और Receiver Computer के बीच कोई Connection न होने के कारण UDP उस करप्ट हुए डेता की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता जिससे Receiver Computer तक वह डेटा नहीं पहुंच पाता है. और वही TCP/IP करप्ट हुए डेटा की पूरी जिम्मेदारी लेता है और उसे दोबारा से भेज कर Receiver Computer तक पहुँचाता है.
इस प्रोटोकॉल का उपयोग उन कामों के लिए किया जाता है जिसमें डेटा को बहुत तेजी से ट्रांसफर करने की जरूरत हो और अगर बीच में कोई डेटा छूट भी जाए तो कोई ज्यादा खास फर्क ना पड़े जैसे video call, voice call, live streaming, Online gaming, आदि जैसे वीडियो कॉल में हमें डाटा की आदान प्रदान की गति बहुत तेज चाहिए होती है पर अगर बीच में कोई डाटा छूट जाए तो हमें उससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता
SMTP
SMTP का फुल फॉर्म Simple Mail Transfer Protocol है यह प्रोटोकॉल ई-मेल (E-Mail) को केवल Send करने के लिए उपयोग किया जाता है जो ई-मेल को सिर्फ सरवर तक पहुंचाता है जैसे हम google की Gmail Sevice का उपयोग करके हम किसी व्यक्ति को कोई ई-मेल send करते हैं तो वह ईमेल SMTP के जरिए google के सरवर तक पहुंचता है फिर सर्वर से उस व्यक्ति तक आपका ई-मेल जाता है जिसे आप ई-मेल send करना चाहते हो.
POP3
POP का फुल फॉर्म Post Office Protocol है यह प्रोटोकॉल केवल ई-मेल को Receive करने के लिए उपयोग होता है SMTP के जरिए ई-मेल सर्वर तक केवल Send होता है और फिर POP3 के जरिए Receiver उस ई-मेल को सर्वर से Reveive करता है
HTTP
HTTP का फुल फॉर्म Hypertext Transfer Protocol है यह प्रोटोकॉल web browser को web server से जोड़कर डेटा को एक्सेस करने के लिए उपयोग किया जाता है HTTP से web browser web server को data एक्सेस करने के लिए request करते हैं और web server web browser को response करता है और request करे हुए data को web browser पर ट्रांसफर करता है
जैसे आप यह Hindiset का यह पोस्ट पढ़ रहे हो यह भी HTTP के जरिए web server से आपके web browser तक बहुत पाई है
HTTPS
HTTPS का फुल फॉर्म Hypertext Transfer Protocol Secure है यहां बिल्कुल HTTP की तरह काम करता है बस या HTTP से अधिक सुरक्षित रूप से डाटा को ट्रांसफर करता है
इस प्रोटोकॉल का उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग जैसे कार्य को सुरक्षित रूप से करने के लिए किया जाता है
इस प्रोटोकॉल में डेटा encrypted form में ट्रांसफर होता है जिससे बीच में कोई भी Hacker उस डाटा को देख नहीं सकता जैसे आप ऑनलाइन शॉपिंग करते समय अपनी क्रेडिट कार्ड की डिटेल भरते हो तो वह encrypted form में जाता है जिससे बीच में कोई भी उस डेटा को देख नहीं सकता
आशा है आपको यह लेख पढ़कर समझ में आ गया होगा कि इंटरनेट प्रोटोकॉल क्या है अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो आप कमेंट करके हमसे पूछ सकते हो